डीएपी के बदले ग्रोमोर का उपयोग करने की सलाह
कांग्रेस ने खाद की कालाबाजारी होने का लगाया आरोप
रायपुर । प्रदेश में मानूसन के दस्तक देने के साथ ही किसान यूरिया तथा डीएपी खाद के लिए सहकारी समितियों का चक्कर काट रहै हैं। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के कोटे में कटौती कर दी गई है। कृषि विभाग ने वैकल्पिक खाद का उपयोग करने को कहा है। इन खादों का आसमान छू रह है। जिसके कारण अब किसान परेशान हैं। मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के पास डीएपी खाद का कोटा 10 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया था, जिसे अब 3 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। वर्तमान इसका कीमत 1350 रूपए प्रति बोरी है। कृषि विभाग के वैकल्पिक खाद का उपयोग करने की सलाह दी है। सहकारी समितियों को ग्रोमोर उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में पोटास, एनपीके खाद की मांग है।
किसानों के साथ अन्याय कर रही सरकार : कांग्रेस
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि किसान डीएपी खाद के लिए चक्कर काट रहे हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि धान उत्पादक राज्यों को हतोत्साहित करने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान समितियों का चक्कर लगा रहे है। चक्कर डीएपी की जगह इफ को का एनपीके पकड़ाया जा रहा है। खरीफ का फ सल की तैयारी किसान जोर शोर से कर रहे है सभी सहकारी समिति में खाद का भंडारण की बात सरकार कर रही है लेकिन हकीकत ऐसे कोसों दूर है प्रदेश के अधिकांश समितियों में डीएपी है ही नहीं कही कही इफ को का कम गुणवत्ता का खाद भंडारित किए है, ये भी एकाध समितियों में है। दूसरी तरफ निजी खाद दुकानों में डीएपी उपलब्ध है, जिसे अधिक दर पर किसान खरीदने मजबूर है, एक तरफ सरकार किसानों की आमदनी डबल करने की बात करते है, लेकिन उल्टे किसानों को डीएपी खाद से वंचित कर रहे जिसे कालाबाजारी बढ़ेगा किसान लुट का शिकार होंगे। समय पर उपलब्ध नहीं होने पर किसानों की फ सल उत्पादकता पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा, लेकिन वर्तमान में समितियों से डीएपी या इफ को का भंडारण नहीं होने से किसान खाद का उठाव नहीं किए है किसान एक साथ खाद समितियों से लेते है बार बार किसानों को चक्कर लगाने मजबूर होना पड़ा है ये भाजपा सरकार के असली चेहरा है अगर डीएपी नहीं होते तो निजी खाद दुकानों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है इससे साबित होता है कि किसानों को जानबूझ कर उपलब्ध नहीं करा रहे है,निजी खाद दुकानदारों को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रहे है। किसानों में जबरदस्त आक्रोश है समिति प्रबंधकों को भी दबाव डाल कर इफ को या अन्य खाद मंगवाने मजबूर कर रहे है जिला अध्यक्ष ने मांग की है समितियों में तुरंत डीएपी का भंडारण कराए किसानों को राहत दे निजी खाद दुकानों की लुट से बचाए अन्यथा बहुत जल्द किसानों को लेकर आंदोलन किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान,घनश्याम वर्मा,वीर देवागन,अज्जू खान,रूपचंद धीवर,राहुल भोजवानी,सद्दू समिति के पूर्व अध्यक्ष सेवक पटेल छत्रपाल धीवर उपस्थित रहे।
कृषि विभाग के वैकल्पिक खाद की उपयोग की दी सलाह
जिला सहाकारी बैंक के अधिकारिायों के अनुसार राज्य के कृषि विभाग के अधिकारयों ने सलाह दी है कि वे डीएपी के बदले अन्य वैकल्पिक खाद का उपयोग करें। इसलिए इफकों के सह उत्पाद, ग्रोमोर का वितरण करें। फिलहाज सहकारी समितियों में इसे बांटा जा रहा है।

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