जांजगीर । बिना एनओसी के जांजगीर चांपा में कोयले का भंडारण करने वालों पर मेहरबान है जिम्मेदार विभाग, कोयला माफिया नियम विरूद्ध तस्करी कर शासन को पहुंचा रहे राजस्व की क्षति कोरबा जिले के जांजगीर चांपा क्षेत्र में कोयला भण्डार के आड़ में नियमों का उल्लघंन कर बिना एनओसी के बहरी में कोयले का अनुमति से अधिक भंडारण कर नियम विरूद्ध कोयले की तस्करी करके शासन को राजस्व की क्षति पहुंचा कोयले का काला कारोबार करने वालों पर आखिर कार्यवाही कब होगी।
लायसेंसधारी कोयला भंडारकों द्वारा संधारित नही की जाती जानकारी
जांजगीर चांपा में कोयला भंडारित कर व्यापार करने वाले व्यापारियों
के पास कोयला कहां से आ रहा है और कहां जा रहा है इसकी जानकारी नही संधारित की जा
रही है। संधारित हो भी कैसे जब एक नंबर का कोयला आयेगा तबतो सभी रिकार्ड मेंटेन
रहेगें लेकिन यहां दो नंबर का कोयला पहुंच रहा है जिसके चलते इन व्यापारियों
द्वारा किसी भी प्रकार का रिकार्ड संधारित नही किया जा रहा है।
सूत्रों की माने तो जांजगीर चांपा में संचालित कोयला भंडारकों के यहां अनुमति से ज्यादा कोयले का भंडारण किया जा रहा है। इस बात की पुष्टी खनिज निरीक्षक के भ्रमण से हो चुकी है। खनिज अधिकारी द्वारा चांपा क्षेत्र के भंडारण में निरीक्षण किया गया था यहां क्षमता से ज्यादा कोयले का भंडारण किया गया था बावजूद इसके कार्रवाई करने से परहेज क्यों किया जा रहा है।
बिना एनओसी के होता है कोयले का काला कारोबार
जांजगीर चांपा में कोयला का व्यापार करने वाले व्यापारियों द्वारा सिर्फ खनिज विभाग से भंडारण की अनुमति लेकर मुक्त हो गए है लेकिन इनके द्वारा न तो पर्यावरण की एनओसी ली गई है और न ही अन्य विभागों से एनओसी प्राप्त की गई है बावजूद इसके पूरा कोयला यूपी ईंटा खदानों में भेज दिया जाता है। यूपी में ईंटा भट्टा ज्यादा होने के कारण कोयले की मांग ज्यादा रहती है जिसके कारण बहरी पहुंचने वाले कोयले में मिलावट करने के बाद पूरा कोयला उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भेज दिया जाता है।
कोयला भण्डारण के लायसेंसधारियों के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच खनिज निरीक्षक द्वारा की गई थी। खनिज निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन उपरांत कलेक्टर के निर्देश पर कोयला भण्डारण लाइसेंसधारी को नोटिस जारी की गई है। नोटिस के जबाब के बाद नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।

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