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एक पेड़ माँ के नाम राष्ट्रीय सेवा योजना ,ईको क्लब चैतमा में वृक्षारोपण


स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना चैतमा छेत्रीय निर्देशालय भोपाल ,राज्य एन एस एस अधिकारी, डॉ मनोज सिन्हा समन्वयक, प्रो वाय के तिवारी, प्राचार्य संरक्षक चंद्राणी सोम के निर्देश पर वीरेंद्र कुमार बंजारे कार्यक्रम अधिकारी ब्यख्याता,भागीरथी श्रीवास स्काउड प्रभारी के मार्गदर्शन में एक पेड़ मां के नाम पर स्वंय सेवक विनय महंत, थानेश्वर, पीयूष, संध्या कंवर, रोशनी, चांदनी कंवर ने नीम आम, गुलमोहर,अर्जुन पौधा वृक्षारोपण किया। 

वीरेंद्र कुमार बंजारे कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पेड़ और माँ दोनों ही जीवनदायिनी हैं। जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है, उन्हें प्रेम, सुरक्षा और ऊर्जा देती है, उसी प्रकार एक पेड़ भी हमें शुद्ध वायु, छाया, फल-फूल और जीवन जीने के लिए आवश्यक वातावरण प्रदान करता है। जब हम एक पेड़ माँ के नाम पर लगाते हैं, तो वह सिर्फ एक वृक्ष नहीं होता, बल्कि माँ के प्रति हमारी श्रद्धा, प्रेम और आभार का प्रतीक बन जाता है।

माँ और पेड़ – समानता

माँ निःस्वार्थ भाव से अपने बच्चों की सेवा करती है, ठीक वैसे ही पेड़ भी बिना किसी स्वार्थ के सबको लाभ पहुंचाते हैं। पेड़ हमारी धरती को हरियाली देते हैं, प्रदूषण को कम करते हैं और वर्षा को बुलाते हैं। माँ और पेड़ दोनों ही सहनशील होते हैं चाहे कितनी भी गर्मी हो या कोई कष्ट हो, वे कभी शिकायत नहीं करते।

एक पेड़ माँ के नाम – एक सुंदर पहल आजकल पर्यावरण संरक्षण एक गंभीर चिंता का विषय है। अगर हर व्यक्ति अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाए और उसकी देखभाल करे, तो न केवल वह पेड़ धरती को संजीवनी देगा, बल्कि वह माँ के प्रेम और त्याग को अमर कर देगा। यह एक ऐसी परंपरा बन सकती है जो भावनात्मक और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

शिक्षा और प्रेरणा

बच्चों को यदि यह सिखाया जाए कि वे हर साल अपनी माँ के जन्मदिन या मातृ दिवस पर एक पेड़ लगाएं, तो वे बचपन से ही प्रकृति से जुड़ जाएंगे और माँ के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक सुंदर तरीका सीखेंगे। यह न केवल पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक कदम होगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी बनेगा। भागीरथी श्रीवास स्काउड प्रभारी ने बताया कि

"एक पेड़ माँ के नाम पर" सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और सामाजिक आंदोलन बन सकता है। इससे हम प्रकृति से जुड़ते हैं, माँ के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और एक सुंदर, सुरक्षित भविष्य की नींव रखते हैं। आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि इस वर्ष हम अपनी माँ के नाम पर कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएंगे और उसकी देखभाल भी पूरी जिम्मेदारी से करेंगी।

ग्राम पंचायत के सरपंच राजलाल सिन्द्रम, उपसरपंच सुकालू प्रजापति, ग्राम वासी ने प्रशंसा की।

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