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अपने बच्चे की बिमारी ठीक करने चढ़ा दी दूसरे की बच्चे की बलि


बलरामपुर । बच्चे की बलि चढ़ाने वाले आरोपी को पुलिस ने करीबन डेढ़ साल बाद गिरफ्तार किया है। आरोपी ने अपने बीमार बच्चे के ठीक करने के लिए दूसरे के बच्चे की बलि चढ़ा दी थी। मामला थाना सामरीपाठ क्षेत्र का है। मिली जानकारी के अनुसार, थाना सामरीपाठ पारा सुलुंगडीह, सबाग निवासी बिरेन्द्र नगेसिया पिता बीरसाय नगेसिया ने 6 जून 2024 को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका लड़का कहीं गुम हो गया है। प्रार्थी की सूचना पर थाना सामरीपाठ में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान यह बात सामने आई कि आरोपी राजू कोरवा के पास मृतक के दादा और झलबासा निवासी झल्लू के साथ गुम बालक को खोजने के लिए तंत्र-मंत्र बोलने पर आरोपी राजू ने बताया कि बड़ा पुजा करने पड़ेगा, तब मिलेगा। इसकी बात की जानकारी मिलने पर पुलिस ने आरोपी राजू कोरवा को तलब कर पूछताछ किया गया। उसने पहले बताया कि नशे की हालत में होने से ऐसा बोल दिया था। इसके बाद कुछ ग्रामीणों से मिले आवश्यक सुराग पर पुलिस ने आरोपी राजू कोरवा को पुन: तलब कर कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ पर आरोपी राजू कोरबा ने बताया कि उसका बड़ा लड़का बचपन से ही मिर्गी बीमारी एवं मानसिक रूप से कमजोर है, महादानी देवता को आदमी बच्चा का बलि देने से उसका लड़का ठीक हो जायेगा यह उसके मन में बैठ गया था। इस दौरान घटना के दिन ग्राम झलबासा के रास्ते में गुम बालक अजय नगेसिया अकेला दिखा, जिसे मिठाई-बिस्कुट दूंगा कहकर बहला-फुसलाकर गोद में उठाकर अपने घर ले जाकर उसी दिन लड़के की बलि चढ़ा दी। बलि चढ़ाने के बाद धड़ को बोरा में डालकर बोड़ादह कोना नाला में ले जाकर उसी रात जला दिया, वहीं उसके सिर को 3 दिन तक घर में छिपाकर रखने के बाद बच्चे के सिर को कपड़ा में लपेटकर बोड़दहा नाला के पास ले जाकर गड्ढा खोदकर दफना दिया तथा 4-5 पत्थर उपर में रख दिया। जानकारी के आधार पर तहसीलदार सामरी की उपस्थिति में शव उत्खनन कराया गया, जिसमें खोपड़ीनुमा हड्डी के अवशेष मिले। मामले में पुलिस ने आरोपी राजू कोरवा का कृत्य धारा 302, 201 भादवि के तहत हत्या का मामला दर्ज किया है।

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