Hot Posts

6/recent/ticker-posts

राष्ट्रीय राजमार्ग 149 बी में सिर्फ टोल टैक्स वसूली से सरोकार, मड़वारानी मंदिर से लगे गुणवत्ताहीन सर्विस रोड में बना जानलेवा गढ्ढा हादसों को दे रहा आमंत्रण


बरसात बीतने के बाद भी मरम्मत की नहीं ली जा रही सुध, प्रशासन बना मूकदर्शक! 

अंडर ब्रिज पर अवैध कब्जा! बना अस्थाई टैक्सी स्टैंड 

कोरबा। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी कोरबा - चाम्पा में एनएचएआई प्रबंधन की उदासीनता ,ठेकेदार की लापरवाही आम जनता पर भारी पड़ रही। मड़वारानी मंदिर से लगे सर्विस रोड तकनीकी मानकों गुणवत्ता की अनदेखी से जानलेवा बन चुकी है।अधुरे सड़क ,सर्विस रोड के साथ टोल प्लॉजा के जरिए टोल वसूली में मस्त एनएचएआई के जिम्मेदार अफसरों, ठेकेदार की मनमानी की वजह से जर्जर सर्विस रोड गंभीर दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है। वहीं प्रशासन की मूकदर्शक वाली भूमिका आस्था के साथ मंदिर पहुंचने वाले लोगों के मन में शासन प्रशासन के प्रति अविश्वास की भावना उत्पन्न कर रही है। यहाँ बताना होगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी कोरबा -चाम्पा मार्ग के स्वीकृति से लेकर तैयार होने में जिस तरह का लंबा इंतजार ,कष्ट मड़वारानी ,बरपाली वासियों को सहन करने पड़े हैं शायद ही किसी प्रोजेक्ट में देखने को मिले। लेकिन देर सबेर जब उरगा से सरायपाली तक फोरलेन तैयार हुई है। तो उसमें भी आधी अधूरी सर्विस रोड के बीच 2 माह पूर्व ही पचपेड़ी में टोल प्लॉजा शुरू कर टोल वसूली शुरू कर दी गई है।छभ्।प् के इस मनमानी के खिलाफ विरोध के स्वर भी फूटे थे,लेकिन वो भी कुछ समय बाद ठंडे पड़ गए,और मार्ग में टोल वसूली की जा रही है। जबकी बरपाली में एवं मड़वारानी में पूरी तरह डामरीकृत सर्विस रोड तैयार नहीं किया जा सका है। बरपाली में अंडर ब्रिज से आगे का हिस्सा राइस मिल के कोर्ट प्रकरण की वजह से अटका है तो उसी लाइन के शेष अविवादित हिस्से में भी छभ्।प् के फर्म ने सर्विस रोड का पक्कीकरण नहीं किया। बात करें मड़वारानी की तो यहाँ सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मड़वारानी मंदिर से लगे सर्विस रोड के निर्माण में इस कदर गुणवत्ता की अनदेखी कर ठेकेदार ने खानापूर्ति की थी कि पहली ही बरसात में ही सर्विस रोड की धज्जियाँ उड़ गई । बरसात भर मुसाफिरों, माँ मड़वारानी मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय निवासियों को जर्जर सर्विस रोड में हिचकोले खाने पड़े। लेकिन अब बरसात बीतने के बाद भी एनएचएआई सर्विस रोड की सुध नहीं ले रही। मंदिर में पूजन सामाग्री विक्रेताओं ने बताया कि बरसात के पूर्व अफसरों ने आश्वस्त किया था कि बरसात के बाद सर्विस रोड की मरम्मत कराई जाएगी पर अभी तक वे अपने वादों पर अमल नहीं कर सके। नतीजन मुसाफिरों मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की मुसीबतें बढ़ गई है। सड़क में जमा पानी ,कीचड़ भी वाहनों के चलने से निर्माणाधीन मंदिर तक आ पहुंचते हैं। जिससे लोगों की आस्था भी आहत हो रही है। क्या कहता है नियम सर्विस रोड या राजमार्ग की स्थिति खराब होने पर टोल नहीं वसूला जा सकता।अदालतों ने खराब सड़कों की स्थिति का हवाला देते हुए टोल वसूली पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।अगर खराब सड़क के कारण कोई सेवा नहीं मिलती है, तो टोल भी नहीं लिया जा सकता है।राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव का काम देख रहे ठेकेदारों को यह सुनिश्चित करना होता है कि सर्विस रोड सहित सभी सुविधाओं का उचित रखरखाव हो।खराब स्थिति पाए जाने पर, एनएचएआई ठेकेदार पर कार्रवाई कर सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार सुप्रीम कोर्ट ने माह अगस्त 2025 में केरल हाईकोर्ट के उस दृष्टिकोण की पुष्टि की, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि हाईवे की स्थिति बहुत खराब है तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) यात्रियों को टोल देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एनएचएआई की अपील खारिज कर दी, जिसमें सड़क की खराब स्थिति के कारण त्रिशूर जिले के पलियेक्कारा में एनएच-544 पर टोल वसूली पर रोक लगा दी गई थी। डॉ. एस. मुरलीधर पीठ ने हाईकोर्ट के इस दृष्टिकोण से स्पष्ट रूप से सहमति व्यक्त की कि टोल चुकाने वाला नागरिक अच्छी सड़कों की मांग करने का समान अधिकार प्राप्त करता है, और यदि उस अधिकार की रक्षा नहीं की जाती है, तो एनएचएआई या उसके प्रतिनिधि टोल की मांग नहीं कर सकते। पीठ ने कहा,था कि ष्हम हाईकोर्ट के इस तर्क से सहमत हैं कि-ष्वैधानिक प्रावधानों के तहत उपयोगकर्ता शुल्क का भुगतान करने का जनता का दायित्व इस आश्वासन पर आधारित है कि सड़क का उनका उपयोग बिना किसी बाधा के होगा। जब जनता कानूनी रूप से उपयोगकर्ता शुल्क का भुगतान करने के लिए बाध्य होती है, तो साथ ही उसे सड़क तक निर्बाध, सुरक्षित और विनियमित पहुंच की मांग करने का समान अधिकार भी प्राप्त होता है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या उसके प्रतिनिधियों द्वारा ऐसी पहुंच सुनिश्चित करने में कोई भी विफलता जनता की वैध अपेक्षाओं का उल्लंघन है और टोल व्यवस्था के मूल आधार को ही कमजोर करती है। अंडरब्रिज में भी कब्जा, बना अस्थाई टैक्सी स्टैंडजहाँ बरपाली,मड़वारानी सर्विस रोड की स्थिति खराब है तो वहीं छभ्।प् के अफसरों के अनदेखी की वजह से अंडरब्रिज में अवैध कब्जा हो चुका है। दोनों ही जगह दुकानें लग गई हैं। बरपाली में तो स्थिति सबसे ज्यादा खराब है यहाँ अंडर ब्रिज में बरपाली का डेली मार्केट ही सज गया है यही नहीं अस्थाई टैक्सी स्टैंड बन गया है। तहसील मुख्यालय होने की वजह से इसे प्रशासनिक लापरवाही भी कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। तहसीलदार नियमित यह नजारा देखते हुए आगे बढ़ जाते हैं ,समय समय पर अन्य उच्च प्रशासनिक अधिकारियों का भी यहाँ आगमन बना रहता है। एनएचएआई के अधिकारी भी इससे वाकिफ हैं। बावजूद ऐसी स्थिति निराशाजनक है। कई मौकों पर लोग दुर्घटना का शिकार होते होते बचे हैं। बावजूद एनएचएआई,जिम्मेदार अधिकारियों को को इसकी सुध नहीं।

Post a Comment

0 Comments