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लकवा ग्रसित पुत्र के इलाज के लिए परिवार दर दर भटकने को मजबूर


गरीब परिवार को आर्थिक सहायता नहीं मिलने से पुत्र का इलाज कराने में असफल

आर्थिक सहायता प्राप्त करने गरीब परिवार कई बार संबंधित अधिकारियों से कर चुका आवेदन, निवेदन

 सूरजपुर/भैयाथान:-- सविता कुमारी पति प्रदिप कुमार ग्राम सत्यनगर विकासखण्ड भैयाथान जिला सूरजपुर का निवासी है जो अंत्यंत गरीब और अर्थिक रुप से कमजोर परिवार है जो खुद के 4 वर्षीय पुत्र प्रितम कुमार जो पिछले चार वर्षों से पैरालेसीस (लकवा) के कारण बिस्तर पर है जिसके इलाज के लिए परिवार दर दर भटकने के लिए मजबूर।

परिवार इलाज में खर्च कर चुका है पूरा पैसा

4 वर्षीय पुत्र प्रीतम कुमार का इलाज के लिए हर संभव प्रयास किया है जिसमे अधिकांश बचत समाप्त हो चुकी है अब परिवार के वर्तमान अर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आगे के उपचार एवं देखभाल के लिए सक्षम नहीं है।

परिवार की स्थिति ठीक नहीं जो करा पाए आगे की इलाज

परिवार के द्वारा बताया गया कि हरि स्थिति बहुत ही कठीन हो गई है और हम अपने बच्चे के भविष्य को लेकर अत्यंत चिंतित है हमारे द्वारा ईलाज एवं अन्य आवश्यकताओं पर बडी मात्रा मे पैसा खर्च किया जा चुका है और अब हमारे लिए आगे की चिकित्सा एवं देखभाल और खर्च करना असंभव हो गया है।

आर्थिक सहायता के लिए किया अपील

परिवार के द्वारा मासूम बच्चे के इलाज के लिए सरकार से अपील किया जा रहा है कि हमारी मदद करे और हमारे परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करें। जिससे की अपने बच्चे के इलाज एवं भविष्य के सुधार के लिए आवश्यक कदम उठा पाए। 

सरकारी योजना के अंतर्गत की जाए सहायता

परिवार द्वारा मार्मिक अपील की गई है कि किसी सरकारी योजना के अतंर्गत हमें किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता या अन्य लाभ के पात्र है तो हमे कृप्या उस योजना का लाभ दिलाने की कृपा करें।

क्या कहते है जनपद पंचायत सदस्य - अभय प्रताप सिंह

मेरे द्वारा पीड़ित परिवार से मुलाकात किया गया है बच्चे की स्थिति ठीक नहीं है जो चलने फिरने में पूरी तरह असमर्थ है वही परिवार गरीब है जितना बना परिवार ने किया। परिवार को आर्थिक सहायता की जरूरत है जिसके लिए मेरे द्वारा जितना हो सकेगा करूंगा वही सरकार से यदि किसी प्रकार से सहायता मिल पायेगा उसका मै जिला प्रशासन से मिलकर चर्चा करूंगा ताकि बच्चे की इलाज जितना जल्दी हो सके पूरा हो और बच्चा अपने पैरों पर चल सके।

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